नवरात्रि की महाष्टमी 2 दिन बाद, इस दिन कन्या पूजन पर भूलकर भी न करें ये 6 गलतियां

चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी और महानवमी पर कन्या पूजन का खास महत्व है. इस बार अष्टमी का कन्या पूजन 16 अप्रैल तो नवमी का कन्या पूजन 17 अप्रैल को होगा.

शास्त्रों के अनुसार, महाष्टमी के कन्या पूजन पर जाने-अनजाने लोगों से बड़ी गलतियां हो जाती है. कन्या पूजन पर इन गलतियों से बचना चाहिए.

महा अष्टमी पर भोज के लिए आने वाली कन्याओं की उम्र 2 से 10 वर्ष के बीच होनी चाहिए. साथ ही, कन्या पूजन में बैठने वाली कन्याओं की संख्या 9 होनी चाहिए.

कन्याओं की उम्र

महा अष्टमी पर कन्या पूजन से एक दिन पहले इन कन्याओं को घर आने का निमंत्रण देना चाहिए. इसके बाद ही कन्या भोज की तैयारी शुरू करनी चाहिए.

एक दिन पहले निमंत्रण

कन्या पूजन में 9 कन्याओं के अलावा एक बटुक भी बैठाना चाहिए. कन्याओं के साथ बैठने वाले इस बालक को बटुक या भैरव का रूप भी माना जाता है.

कन्याओं के साथ बटुक

महाष्टमी पर घर आने वाली कन्याओं और बटुक को बैठाने से पहले दिशा का भी ख्याल रखें. इन्हें पूर्व दिशा की तरफ मुंह कराके ही बैठाएं.

पूर्व दिशा में कन्या पूजन

कन्या पूजन के बाद कन्याओं और बटुक को दक्षिणा जरूर दें. दान-दक्षिणा आप चाहें तो इन्हें कोई जरूरत का सामान भी दे सकते हैं.

दक्षिणा

कन्या पूजन शुभ मुहूर्त में ही करें. इस बार इसके 2 शुभ मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त सुबह 7.51 बजे से सुबह 10.41 बजे तक और दूसरा मुहूर्त सुबह 11.55 बजे से दोपहर 12.47  बजे तक है.

मुहूर्त