फेक TRAI ऑफिसर का कॉल, बताया सही नाम, पता और आधार नंबर, लगा 34 लाख का चूना 

06 May 2024

Cyber Fraud के आए दिन नए-नए केस सामने आ रहे हैं. अब एक नया केस मुंबई से सामने आया है, जहां साइबर ठगों ने ठगी का अनोखा तरीका खोज निकाला है. 

Cyber Fraud का नया केस 

दरअसल, मुंबई स्थित CA को 10 मार्च को एक कॉल आया. कॉल करने वाले ने खुद को TRAI ऑफिसर बताया.

मुंबई की CA हुई शिकार 

इसके बाद उसने महिला को उनका नाम, पता और यहां तक की आधार कार्ड नंबर तक बताया.

बताया नाम पता और आधार नंबर

इसके बाद महिला को बताया कि उनके नाम से कंप्लेंट दर्ज है. वे अपने नंबर और बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करके मनी लॉन्ड्रिंग कर रही थीं. 

महिला को डराया  

विक्टिम महिला को बताया कि उन्हें चूनाभट्टी पुलिस स्टेशन पर जाना चाहिए. महिला ने आरोप को खारिज किया. 

पुलिस थाने जाने को कहा

इसके बाद महिला को Skype कॉल जॉइन करने को कहा. वहां दूसरी तरफ प्रोफाइल लोगो में मुंबई पुलिस का लोगो इस्तेमाल किया. 

Skype Call पर आने को कहा

जब महिला ने कॉल को रिसीव किया, तो सामने एक पुलिस यूनिफॉर्म में एक व्यक्ति बैठा था. उसने खुद का नाम विनय कुमार बताया. 

पुलिस यूनिफॉर्म में दिखा शख्स 

फेक पुलिस वाले ने महिला को बताया कि अब वह बड़ी मुसीबत में फंस चुकी हैं. एक सिम से उनका नाम और पहचान का पता चला है. 

महिला को धमकाया 

इसके बाद महिला को बताया कि उनके नाम से बैंक अकाउंट नेशनल बैंक में खुला है, जिसमें करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है. 

नाम से है बैंक खाता

विक्टिम इन आरोपों से घबरा गई. इसके बाद महिला के केस का संबंध जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल से जोड़ा. 

हाई प्रोफाइल केस बताया 

इसके बाद महिला ने आरोपों को सिरे से नकार दिया. इसके बाद महिला को दूसरा Skype Call आया. सामने वाले शख्श ने खुद को  CBI ऑफिसर बताया. 

फेक CBI ऑफिसर से बात 

इसके बाद महिला को डराने के लिए फेक सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट शेयर की और ऑर्डर डाउनलोड करने को कहा. 

फेक कोर्ट की वेबसाइट 

इसके बाद महिला को ये सभी बातें किसी को ना बताने को कहा. साथ ही महिला को 34 लाख रुपये डिपॉजिट करने को कहा. 

कहा, किसी को ना बताएं  

इसके बाद महिला ने 20 लाख रुपये का फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़ा. इसके बाद 14 लाख का इंतजाम किया और उसे दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया. 

महिला ने भेजे रुपये 

इसके बाद विक्टिम महिला ने इंटरनेट पर इस तरह के केस के बारे में सर्च किया, तो उसे पता चला कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हुई है. फिर उसने पुलिस कंप्लेंट दर्ज कराई.

ठगी का ऐसे चला पता