30 के बाद महिलाओं में चुपके से घर करती हैं ये बीमारियां, भनक तक नहीं लगेगी

कुछ बीमारियां ऐसी होती है जो चुपके से दस्तक देती हैं हमें पता भी नहीं चलता है.

30 की उम्र के बाद महिलाएं इन बीमारियों का सबसे ज्यादा शिकार हो रही हैं. 

अक्सर साइलेंट किलर समझे जाने वाली बीमारियों के लक्षण का उन्हें पता हीं नहीं चल पाता है.

अगर उन्हें उन बीमारियों के लक्षण दिख भी जाते हैं तो वे इसे सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देती हैं.

हम आपको ऐसी ही कुछ साइलेंट किलर बीमारियों के बारे में बताएंगे, जो महिलाओं में चुपके से आती हैं और उन्हें पता भी नहीं चल पाता.

महिलाओं में होने वाली सबसे कॉमन बीमारियों में एनीमिया एक है. यह तब होता है जब उन्हें सही से पोषण नहीं मिल पाता है.

 एनीमिया से बचने के लिए आयरन, विटामिन C और फोलेट से भरपूर भोजन का सेवन किया जाना चाहिए. 

मेनोपॉज एक महत्वपूर्ण हार्मोनल चेंज है, जो सभी महिलाओं में होता है. इसमें फीमेल हार्मोन यानी एस्ट्रोजन कम हो जाता है.

ऐसे में दिल की बीमारी के खिलाफ इसकी प्रोटेक्टिव एक्टविटी भी कम हो जाती है. ऐसे में दिल की बीमारी होने का खतरा उनमें बढ़ जाता है.

अधिकतर महिलाएं 30 के उम्र के बाद शिकायत करती हैं कि उनके हड्डियों लगातार दर्द रहता है. दरअसल, इस उम्र के बाद उनका बोन हेल्थ बिगड़ना शुरू हो जाता है.

शुरू में बोन हेल्थ के बिगड़ने पर ध्यान नहीं देने के चलते आगे यह गंभीर समस्या बन सकता है. हड्डियों की मजबूती बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम के सेवन के साथ-साथ एक्सरसाइज करना जरूरी है.

30 की उम्र के बाद महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव नजर आते हैं. इसके चलते उनका वजन बढ़ने लगता है.

बढ़ते हुए वजन के चलते महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्राल जैसी बीमारियों के ग्रसित हो सकती हैं.

30 की उम्र के बाद कई महिलाएं ये शिकायत करती हैं कि उन्हें शारीरिक कमजोरी महसूस होती है. दरअसल, सही पोषण नहीं लेने के चलते उनके साथ ऐसा होता है.