IP Address से मिल जाती है लोकेशन, लेकिन हैकर्स ऐसे करते हैं गुमराह 

01 May 2024

बुधवार की सुबह से दिल्ली-NCR के स्कूलों में हड़कंप शुरू हो गया. इस बार हड़कंप की वजह बच्चे नहीं बल्कि कोई और है. 

स्कूलों में हड़कंप

दरअसल, बुधवार सुबह को दिल्ली-NCR के 80 से अधिक नामचीन स्कूलों को एक ईमेल मिला. 

कई स्कूलों को आया ईमेल 

इस ईमेल में स्कूल के अंदर बम होने की बात कही. इसके बाद से स्कूलों में हड़कंप मचा और कई स्कूलों ने बच्चों को घर वापस भेज दिया. 

ईमेल में क्या लिखा? 

अब सवाल आता है कि आखिर ये ईमेल भेजना वाला कौन है और उसके IP Address की लोकेशन क्या है ? जांच एजेसियां अभी इसका पता लगाने में लगी हैं. 

कौन है ईमेल भेजने वाला?

आज आपको बताने जा रहे हैं कि IP Address क्या होता है, इससे कैसे लोकेशन ट्रैक कर सकते हैं? साथ ही हैकर्स कैसे गुमराह करते हैं. 

IP Address क्या होता है?

IP Address एक इंटरनेट प्रोटोकॉल एड्रेस होता है. मोबाइल से लेकर कंप्यूटर तक का अपना अलग IP Address होता है, जिसे चार पार्ट में लिखा जाता है. 

हर एक डिवाइस का अलग IP

VPN लगाकर या किसी भी प्रॉक्सी का यूज करके भी कोई ईमेल करें तो भी सरकार चाहे तो काफ़ी हद तक ईमेल ट्रेस कर सकती है. इसके लिए ईमेल प्रोवाइडर्स, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइर और लॉ इनफ़ोर्समेंट एजेंसियों की मदद चाहिए.

सरकार कर सकती है ट्रेस 

ज़्यादातर VPN और Proxy फ़्री सर्विस देते हैं और इनकी क्वॉलिटी अच्छी नहीं होती. इनके ज़रिए किए जाने वाले ईमेल या कोई भी कम्यूनिकेशन आसानी से ट्रेस किए जा सकते हैं.

VPN के बाद भी हो सकते हैं ट्रेस 

आमतौर पर आप किसी भी IP Address को इंटरनेट पर मौजूद टूल्स  मदद से उसकी लोकेशन का पता लगा सकते हैं. इस लोकेशन में शहर आदि नाम मिलता है. 

ऐसे खोज सकते हैं IP से लोकेशन

हैकर्स आमतौर पर IP Address की लोकेशन बदल देते हैं या फिर उसे हाइड कर लेते हैं. इसके लिए वे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) और  Proxy सर्वर का इस्तेमाल करते हैं.

हैकर्स कैसे करते हैं गुमराह?

कई बार VPN कंपनियों से कनेक्ट करके भी जांच एजेंसियां लोकेशन निकाल लेती हैं. हालांकि कई प्रोफेशनल हैकर्स की लोकेशन पता करना मुश्किल काम हो जाता है. 

कई बार सामने आती हैं मुश्किलें