25 June 2025
भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की यात्रा पर हैं.
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उम्मीद की जा रही है कि 28 घंटे की यात्रा के बाद, अंतरिक्ष यान गुरुवार को शाम करीब 04:30 बजे इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से डॉक होगा.
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अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISIS) एक बड़ा अंतरिक्ष यान है जो पृथ्वी के चक्कर लगाता है. इस स्टेशन पर एस्ट्रोनॉट्स मौजूद रहकर रिसर्च का काम करते हैं.
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इस स्पेस स्टेशन में एस्ट्रोनॉट्स के लिए कई तरह की सुविधा मिलती हैं. यहा एक दिन 90 मिनट का होता है, आइए जानते हैं ये धरती से कितना दूर है.
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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पृथ्वी से 403 किलोमीटर की ऊंचाई पर पृथ्वी के चक्कर लगाता रहता है.
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नासा के अनुसार, यह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन धरती से 402.34 किलोमीटर की दूरी पर है. घरती के चारों तरफ चक्कर लगाने की इसकी रफ्तार 17500 मील प्रति घंटा है.
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अगर इसे किलोमीटर में समझा जाए तो यह 28163 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी के चक्कर लगा रहा है.
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अमेरिकी स्पेस एंजेसी नासा के अनुसार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन का आकार पांच बेडरूम वाले घर या दो बोइंग 747 जेटलाइनर जितना है.
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यह रहने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए हर तरह की सुविधा होती है. यहां 6 लोगों की टीम और कुछ मेहमान ठहरने की जगह है.
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इसकी लंबाई एक फुटबॉल मैदान जितनी है. यहां संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान और यूरोप के प्रयोगशाला मॉड्यूल शामिल हैं.
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इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में 24 घंटे में 16 सूर्योदय और 16 सूर्यास्त देखने का मौका मिलता है.
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यहां 90 मिनट का दिन और 90 मिनट की रात होती है और ऐसा 24 घंटे में 16-16 बार होता है.
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इसका मतलब है कि 24 घंटे में ISS पृथ्वी के चारों ओर लगभग 16 चक्कर (24 घंटे ÷ 90 मिनट = 16) लगाता है.
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