28 Mar 2025
aajtak.in
चैत्र अमावस्या पर साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. माना जाता है कि अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है.
चैत्र अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना की जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह में पड़ने वाली अमावस्या को चैत्र अमावस्या या दर्श अमावस्या कहा जाता है.
29 मार्च, शनिवार को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, जो कि भारत में दृश्यमान नहीं होगा. इसलिए, सूर्य ग्रहण का प्रभाव अमावस्या पर नहीं पड़ेगा.
इस साल चैत्र अमावस्या 29 मार्च को रहेगी. इस बार अमावस्या की तिथि 28 मार्च को रात 7:55 मिनट पर शुरू हो जाएगी और समापन 29 मार्च को शाम 4:27 मिनट पर हो जाएगा.
यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दोपहर 2 बजकर 21 मिनट से शाम 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा. ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 53 मिनट की रहेगी.
साल का पहला सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी एशिया, उत्तर पश्चिम अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर और उत्तरी ध्रुव आदि देशों में दृश्यमान होगा.
चैत्र अमावस्या के दिन दान धर्म का कार्य जरूर करना चाहिए. साथ ही इस दिन पितरों का श्राद्ध और तर्पण जरूर करना चाहिए.
इस साल का सूर्यग्रहण मीन राशि में लगने जा रहा है. सूर्य ग्रहण दर्शनीय ना हो तब भी इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. क्योंकि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा इसलिए अमावस्या के दिन स्नान दान किया जा सकता है.