आसानी से नहीं हटती चुनाव में उंगली पर लगने वाली स्याही, जानें कहां और कैसे बनती है?

03 April 2024

देशभर में लोकसभा चुनाव के लिए इस महीने से मतदान शुरू होने हैं.

मतदान के वक्त मतदाताओं की उंगली पर एक स्याही लगाई जाती है. ये स्याही ऐसी होती है जो आसानी से नहीं निकलती.

देशभर के हर आम चुनाव में इस स्‍याही का इस्‍तेमाल होता है जिसे किसी भी साबुन या डिटर्जेंट से धुला नहीं जा सकता है.

वोटर्स इंक का इस्‍तेमाल चुनावों में किसी भी धोखाधड़ी यानी एक उम्‍मीदवार के कई बार मतदान करने से रोकने के लिए किया जाता है.

 स्याही में सिल्वर नाइट्रेट होता है जो पराबैंगनी प्रकाश (ultravoilet light) के संपर्क में आने पर त्वचा पर दाग छोड़ देता है.

क्या है वोटर्स इंक

पराबैंगनी प्रकाश सूर्य के प्रकाश का एक घटक है, यानी रोशनी के संपर्क में आते ही सिल्‍वर नाइट्रेट त्‍वचा पर दाग दे देता है.

इसे धोना असंभव है मगर समय के साथ यह खुद हट जाती है क्योंकि नई त्वचा कोशिकाएं मृत कोशिकाओं की जगह लेती रहती हैं. स्‍याही में सिल्वर नाइट्रेट की सांद्रता यानी कंसन्‍ट्रेशन 7 प्रतिशत से 25 तक होती है.

इस स्याही का निर्माण कर्नाटक सरकार के उपक्रम मैसूर पेंट्स एंड वार्निश लिमिटेड (MPVL) में किया जाता है.

कहां बनती है वोटर्स इंक

MPVL भारत में इस फुलप्रूफ स्याही का एकमात्र अधिकृत आपूर्तिकर्ता है, जिसके पास 1962 से राष्ट्रीय अनुसंधान विकास निगम (NRDC) द्वारा दिया गया विशेष लाइसेंस है.