06 Mar 2024
आपने अब तक AI के फायदे और उससे जुड़े खतरों के बारे में सुना था. अब AI से जुड़े वायरस की डिटेल्स सामने आई है.
रिसर्चर्स के एक ग्रुप ने प्रोटोटाइप AI वर्म तैयार किया है, जिसका नाम Morris II है. इस रिसर्च पेपर को Wired ने स्पॉट किया है.
रिसर्च पेपर के मुताबिक, पहली जनरेशन का AI वर्म डेटा चुरा सकता है, मैलवेयर फैला सकता है और AI पावर्ड ईमेल के जरिए यूजर्स को स्पैम भेज सकता है.
ध्यान रहे कि इस रिसर्च को कंट्रोल तरीके से किया गया है. इसकी वजह से वर्म हमारे फोन और कंप्यूटर तक नहीं पहुंच सकता है.
हालांकि, इस रिसर्च से ये भी साफ है कि AI मॉडल्स वाले ये वायरस कितने खतरनाक हो सकते हैं. इनसे बचाव के लिए हमें जरूरी कदम उठाना होगा.
रिसर्च टीम का कहना है कि इसका नाम ओरिजनल Morris वायरस के नाम पर रखा गया है, जो साल 1988 में तैयार किया गया था.
Morris II का टार्गेट AI ऐप्स हैं. खासकर वो ऐप्स जो Gemini Pro, ChatGPT 4 और LLaVA जैसे लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर काम करते हैं.
ये वर्म एक टेक्निक का इस्तेमाल करता है, जिसे ऐडवर्सियल सेल्फ रिप्लेकेटिंग प्रॉम्प्ट का नाम दिया गया है. जब इस प्रॉम्प्ट को किसी LLM में एंटर किया जाता है, तो संदिग्ध कदम उठाने लगता है.
ये वर्म Spam मैसेज जनरेट कर सकता है और उन्हें भेज सकता है. इसके साथ ही यूजर्स के पर्सनल और सेंसिटिव डेटा को चुरा सकता है.