चाणक्य के अनुसार, धोखेबाज लोगों का चेहरा तब सामने आता है, जब वो हमारी जड़ें खोखली कर चुके होते हैं.
ऐसे लोग बुरा वक्त आने पर ही अपना असली रंग दिखाते हैं. इसलिए इन्हें समय रहते पहचान लेना चाहिए.
मीठी-मीठी बातों में फंसाने वाले लोगों से हमेशा दूर रहना चाहिए. ऐसे लोग मन ही मन आपको बर्बाद करने का षडयंत्र रचते हैं.
आपकी तरक्की से जलने वाले लोग हर गलत फैसले में आपका समर्थन करेंगे. ये हमेशा आसान और गलत राह चुनने की सलाह देंगे.
जो इंसान आज आपके सामने दूसरों की बुराई कर रहा है, कल वो दूसरों के सामने आपकी बुराई भी करेगा. ऐसे लोगों से दूर रहे.
कुछ लोगों के मन की बात पढ़ना बड़ा मुश्किल होता है. इनके मन में आपके प्रति कपट भरा हो सकता है. इनसे हमेशा दूर रहें.
अगर कोई इंसान आपको भेदभाव करने का पाठ पढ़ा रहा है तो ऐसे लोगों की संगत में रहने से बचना चाहिए.
चाणक्य कहते हैं कि इंसान की कुल-धर्म और जाति के आधार पर नहीं बल्कि उसके कर्म के आधार पर उसकी पहचान होनी चाहिए.