शनि देव ने 17 जनवरी को मकर से कुंभ राशि में गोचर किया था. कुंभ शनि कि मूल त्रिकोण राशि है, जहां उनकी पूरे 30 वर्ष बाद वापसी हुई है.
शनि इस अवस्था में राशिनुसार पाया भी बदलता है. यानी अलग-अलग राशियों में शनि लोहे, तांबे, चांदी और सोने के पाये पर चलते हैं.
आइए जानते हैं कि राशियों के लिए शनि का पाया कैसे निर्धारित होता है और कुंभ में गोचर के बाद शनि किन राशियों में चांदी के पाये पर चल रहे हैं.
मकर- अचानक धन लाभ की प्राप्ति हो सकती है. आय बढ़ेगी. सेहत के मोर्चे पर सुधार होगा. नौकरी में तरक्की के योग बनते दिख रहे हैं.
तुला- संतान से वंचित लोगों की मनोकामना पूरी हो सकती है. दांपत्य जीवन में खुशहाली आएगी. वाद-विवाद, गृह क्लेश से छुटकारा मिलेगा.
मिथुन- शनि देव आपको मालामाल कर सकते हैं. कार्यस्थल पर आपकी मेहनत बढ़ेगी, लेकिन इसका पर्याप्त फल भी आपको मिलेगा.
शनि गोचर के समय जब चंद्रमा शनि से 2, 5 और 9 वें भाव में होता है, तो इसे चांदी का पाया कहा जाता है.
इस गणना के अनुसार, इस वक्त मकर (नौवां स्थान), तुला (पांचवें स्थान) और मिथुन (दूसरा स्थान) राशि में चांदी के पाये पर चल रहे हैं.