तुम किसी के भी हो नहीं सकते... बेवफाई पर मशहूर शायरों के खयाल

20 Apr 2024

By अतुल कुशवाह

शायरों ने इंसान की जिंदगी के हर पहलू को अपने अंदाज में खूबसूरत शेर, गजलों में ढाला है. बेवफाई भी इन्हीं में से एक है, जिस पर तमाम शायरों ने शेर कहे हैं. पेश हैं कुछ चुनिंदा शायरी.

बेवफाई पर शायरी

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तुमने किया न याद कभी भूल कर हमें हमने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया (बहादुर शाह जफर) हमसे क्या हो सका मोहब्बत में खैर तुमने तो बेवफाई की. (फिराक गोरखपुरी)

कुछ तो मजबूरियां रहीं होंगी यूं कोई बेवफा नहीं होता. (बशीर बद्र) इक अजब हाल है कि अब उसको याद करना भी बेवफाई है. (जॉन एलिया)

चला था जिक्र जमाने की बेवफाई का सो आ गया है तुम्हारा खयाल वैसे ही. (अहमद फराज) हम उसे याद बहुत आएंगे जब उसे भी कोई ठुकराएगा. (कतील शिफाई)

दिल भी तोड़ा तो सलीके से न तोड़ा तुमने बेवफाई के भी आदाब हुआ करते हैं. (महताब आलम) वफा की खैर मनाता हूं बेवफाई में भी मैं उसकी कैद में हूं कैद से रिहाई में भी. (इफ्तिखार आरिफ)

तुम किसी के भी हो नहीं सकते तुमको अपना बना के देख लिया. (अमीर रजा मजहरी) काम आ सकीं न अपनी वफाएं तो क्या करें उस बेवफा को भूल न जाएं तो क्या करें. (अख्तर शीरानी)

देखा तो कोई और था सोचा तो कोई और जब आ के मिला और था चाहा तो कोई और उस शख्स के चेहरे में कई रंग छुपे थे चुप था तो कोई और था बोला तो कोई और. (इब्राहिम अश्क)

इश्क में गैरते जज्बात ने रोने न दिया वर्ना क्या बात थी किस बात ने रोने न दिया आप कहते थे कि रोने से न बदलेंगे नसीब उम्रभर आपकी इस बात ने रोने न दिया. (सुदर्शन फाकिर)

हमको किसके गम ने मारा ये कहानी फिर सही किसने तोड़ा दिल हमारा ये कहानी फिर सही क्या बताएं प्यार की बाजी वफा की राह में कौन जीता कौन हारा ये कहानी फिर सही. (मसरूर अनवर)